हर सांस खुशबू की मानिंद,
हर आह तेरी प्यास हे.
अपना उसे बना ना सके जो,
दिल की दुनिया उदास हें.
दिल के किसी कोने की हलचल,
नाम तेरा चुपके से लेती हें.
तू ना तेरा ख्याल सही,
मेरी मोहब्बत ये कहती हें.
क़ैद बंधनो की बेड़ियो से हूं,
चाहत ना कर पाउंगा पूरी.
रिश्ता ना अपना बन सकेगा,
सहनी पड़ेगी ये दूरी.
दुल्हन तुम बन कर जब,
अपने पिया के घर जाओगी.
भूलने को तुम्हे अपनी आँखो से,
अश्क बना बहा दूँगा में.
Wednesday, August 19, 2009
तेरा ख्याल
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